रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजधानी क्षेत्र नवा रायपुर को विकसित करने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के गठन के करीब 25 साल बाद भी नवा रायपुर में अपेक्षित आबादी नहीं बस पाने के चलते अब सरकार ‘नया विहार’ नामक नई योजना लेकर आई है। कमल विहार की तर्ज पर तैयार की गई इस योजना का उद्देश्य लोगों को न केवल सुलभ तरीके से जमीन उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें बुनियादी नागरिक सुविधाएं भी मुहैया कराना है।
436 हेक्टेयर भूमि चिन्हित, ग्रामीणों को मिलेगा विकसित प्लॉट
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा ग्राम बरौंदा, रमचंडी, रीको, मंदिरहसौद, सेरीखेड़ी और नकटी गांव की कुल 436 हेक्टेयर भूमि को योजना के लिए चिन्हित किया गया है। खास बात यह है कि पहले जिन ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की गई थी, उन्हें अब विकसित प्लॉट के रूप में जमीन वापस दी जाएगी। वहीं, शासकीय और बची हुई भूमि को आम नागरिकों को प्लॉट के रूप में बेचा जाएगा।
कठोर नियमों से राहत, सुविधाओं की पूरी व्यवस्था
‘नया विहार’ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां नवा रायपुर जैसे सख्त नियम-शर्तें लागू नहीं होंगी। इससे लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार जमीन खरीद और उसका उपयोग कर सकेंगे। योजना में पहले से अस्पताल, स्कूल, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है, जिससे लोगों को बसने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
स्थानीय स्तर पर मिलेगी राजस्व सेवाएं, नई तहसील का गठन प्रस्तावित
लोगों को जमीन से जुड़े कामों के लिए बार-बार रायपुर न जाना पड़े, इसके लिए ‘नया विहार’ क्षेत्र में नई तहसील के गठन का भी प्रस्ताव है। इससे प्लॉट धारकों और निवासियों को राजस्व से संबंधित सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेंगी।
पारदर्शिता और गड़बड़ियों पर रोक
योजना को पारदर्शी बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिन ग्रामीणों को पुनः विकसित प्लॉट दिए जाने हैं, उन्हें कब्जा तभी मिलेगा जब उनके दस्तावेज पूर्ण रूप से अपडेट और डिजिटल होंगे। इससे जमीन की खरीद-फरोख्त में किसी तरह की गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा और लोगों को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध होगी कि वे क्या खरीद रहे हैं और कहां।
क्या कहता है एनआरडीए
एनआरडीए ने जमीन चिन्हांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली है और आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। दावे-आपत्तियों का निपटारा कर अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिससे ‘नया विहार’ योजना के क्रियान्वयन का रास्ता साफ हो गया है।